प्रमुख वैज्ञानिक
प्रमुख वैज्ञानिक
@ विलियम हार्वे (1578-1657)
- ये ब्रिटिश डॉक्टर
थे, जिन्होंने
'रक्त परिवहन'
की खोज की थी
तथा कार्यिकी एवं भ्रूणिकी का प्रयोगात्मक
अध्ययन किया था।
@ एडवर्ड जेनर (1749-1823)
- ये इंगलिश डॉक्टर थे,
जिन्होंने चेचक के टीके का खोज
किया था।
@ जोसेफ लिस्टर (1827-1912)
- ये ब्रिटिश सर्जन थे और इन्होंने ऐण्टिसेप्टिक
सर्जरी का सूत्रपात किया था।
@ जोसेफ प्रीस्टले (1733-1804)
- ये ब्रिटिश रसायनशास्त्री थे,
जिन्होंने ऑक्सीजन की खोज की और गैसों को
एकत्रित करने की विधि का विकास किया।
@ डब्ल्यू० सी० रौन्टजन (1845-1923)-
ये जर्मन वैज्ञानिक थे,
जिन्होंने एक्स-रे की खोज की थी,
अत: एक्स-किरणों की रौन्टजन रेज भी कहते हैं।
@ रॉबर्ट हुकं (1635-1703)-
इन्होंने सर्वप्रथम -मृत पादप ऊतक में
कोशिकाएँ देखी और सन् 1665
में इन्हें 'Cells' की
संज्ञा दी। इन्होंने पदार्थों की प्रत्यास्थता का भी अध्ययन किया।
@ अर्नेस्ट रदरफोर्ड (1871-1937)
- ये स्कॉटलैण्ड के वैज्ञानिक थे,
जिन्होंने 1911
ई० में परमाणु के
नाभिक की खोज की थी।
@ आर्यभट्ट ( 476-520)-
प्राचीन भारत के प्रसिद्ध खगोलज्ञ एवं गणितज्ञ
थे, जिनकी रचना 'आर्यभट्टीय'
कहलाती है। इन्होंने गणित एवं खगोल में कई
महत्त्वपूर्ण कार्य किए। सबसे पहले तो इन्होंने यह बताया कि पृथ्वी अपने अक्ष पर
घूमती हुई सूर्य की परिक्रमा करती है।'
@ जगदीशचन्द्र बोस (1858-1937) - प्रसिद्ध भौतिकी विज्ञानी थे,
जिन्होंने मारकोनी से भी पहले बेतार प्रणाली
का समर्थन किया था। उन्होंने वनस्पतियों की संवेदनशीलता पर अनेक आश्चर्यजनक
प्रदर्शन किए। इन्होंने 'बोस
इन्स्टीट्यूट' की स्थापना
की थी। इन्होंने क्रेस्कोग्राफ नामक यंत्र का भी आविष्कार किया था।
@ चन्द्रशेखर वेंकट रमन (1888-1970) - रमन प्रभाव के लिए 1930
में भौतिकी के क्षेत्र में 'नोबेल
पुरस्कार' इन्हें
प्राप्त हुआ था। उनके द्वारा 'रमन
प्रभाव' 28 फरवरी को
आविष्कृत हुआ था, जिसके
महत्त्व को देखते हुए प्रतिवर्ष 28
फरवरी को भारत में 'राष्ट्रीय विज्ञान
दिवस' मनाया जाता है। 1954
में उन्हें 'भारत रत्न'
तथा 1958
में 'लेनिन शांति
पुरस्कार' सम्मान से
भी विभूषित किया गया।
@ हेनरी बेकुरल (1852-1908) - ये फ्रांसीसी वैज्ञानिक थे। इन्होंने
रेडियोऐक्टिविटी तथा गामा किरणों की खोज की थी।
@ नील बोहर (1885-1962) - ये डेनमार्क के वैज्ञानिक थे,
जिन्होंने परमाणु
की संरचना का मॉडल प्रतिपादित किया था। इन्हें
1922 में नोबेल
पुरस्कार मिला था।
@ हेनरी कैवेण्डिश (1731-1810) - ये ब्रिटिश वैज्ञानिक थे, जिन्होंने
हाइड्रोजन को तत्त्व के रूप में खोज की।
@ जेम्स चैडविक (1891-1974)-ये ब्रिटिश वैज्ञानिक थे,
जिन्होंने 1932
ई० में परमाणु को रचना में विद्युत
आवेश रहित परमाणु कण 'न्यूट्रॉन'
की खोज की।
@ कॉपरनिकस (1473-1543)- ये पोलैण्ड के खगोल शास्त्री थे,
जिन्होंने सबसे पहले बताया कि 'पृथ्वी
स्थिर नहीं है और सूर्य के चारों ओर घूमती है।
@ मैडम
मैरी क्यूरी (1867-1934)-
ये पोलैण्ड की वैज्ञानिक थी। बाद में फ्रांस
की नागरिकता ग्रहण कर ली। इन्होंने रेडियम की खोज की थी। इन्हें दो बार 1903
ई० व 1911 ई० में नोबेल
पुरस्कार मिला ।
@ जॉन डाल्टन (1776-1844) - ये ब्रिटिश वैज्ञानिक थे। इन्होंने परमाणु के
सिद्धांत का प्रतिपादन किया था। 'गुणित
अनुपात' का नियम भी
इन्होंने ही प्रतिपादित किया था ।
@ चार्ल्स रॉबर्ट डार्विन (1809-1882)- ये ब्रिटिश X वैज्ञानिक
थे । इनको पुस्तक 'दि ऑरिजिन ऑफ
स्पेसीज' में विकास
का सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है। प्राकृतिक वरण (नेचुरल (सेलेक्शन) का नियम
इनके द्वारा ही प्रतिपादित किया गया था ।
@ अल्बर्ट आइन्स्टीन (1879-1955) - ये यहूदी मूल के जर्मन वैज्ञानिक थे,
जो बाद में अमेरिका में जाकर बस गए थे ।
इन्होंने 1933 में
सापेक्षिकता के सिद्धांत (E=mc2) का
प्रतिपादन किया है। इन्होंने प्रकाश विद्युत प्रभाव की व्याख्या भी की। जिसके लिए
इन्हें नोबेल पुरस्कार मिला ।
@ अलेक्जैण्डर फ्लेमिंग (1881-1955) - ये ब्रिटिश बैक्टीरियोलोजिस्ट थे,
जिन्होंने लाइसोजाइम तथा पेनीसिलिन की खोज की
थी ।
@ गैलीलियों ( 1564-1642)
- ये इटली के वैज्ञानिक थे,
जिन्होंने टेलीस्कोप का निर्माण किया था और 'कॉपरनिकस
की थ्योरी' का समर्थन
दिया था और गति के जड़त्व नियम प्रतिपादित किया था।
@ बीरबल
साहनी (1891-1949) - प्रसिद्ध वनस्पतिज्ञ,
इन्होंने अपने विस्तृत अनुसंधान क्षेत्र के
अन्तर्गत कुछ 'फर्मों की सजातीयता
और संरचना' पर निर्णायक
खोज कार्य किया।
@ मेघनाद साहा ( 1893-1956) - भौतिकी के विश्व प्रसिद्ध विद्वान थे। मात्र 30
वर्ष की आयु में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हुए। तापीय
आयनन सिद्धांत एवं थर्मोडायनेमिक्स में इनके महत्त्वपूर्ण अनुसंधान है। उनकी अनुपम
कृति है- 'द हिस्ट्री ऑफ
हिन्दू साइंस'।
@ डॉ० सलीम अली (1897-1987) - ये प्रसिद्ध प्रकृति विज्ञानी एवं पक्षी
विशेषज्ञ थे। इन्हें भारत का 'बर्डसमैन'
भी कहते हैं। इन्हें 1976
में पद्म विभूषण तथा 1983
में 'वन्य प्राणी
संरक्षक' पुरस्कार से
सम्मानित किया गया।
@ डॉ० होमी जहाँगीर भाभा (1909-1966) - भारत में 1948
ई० में गठित 'परमाणु ऊर्जा आयोग
के अध्यक्ष होमी जहाँगीर भाभा थे। वे परमाणु अनुसंधान केन्द्र (बाद में भाभा
अनुसंधान केन्द्र) के संस्थापक थे। वे संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आयोजित प्रथम 'परमाणु
ऊर्जा के शांतिपूर्ण प्रयोग' अधिवेशन
के भी अध्यक्ष रहे थे। वे टाटा इन्स्टीट्यूट ऑफ फण्डामेण्टल रिसर्च (FIFR)
के भी पहने निदेशक थे।
@ सुब्रह्मण्यम चन्द्रशेखर (1910-1995) - भारतीय मूल के इस अमेरिकी वैज्ञानिक ने तारों
के सम्बंध में अनेक उल्लेखनीय अनुसंधान किए। 1983
में इन्हें विलियम फाउलर के साथ भौतिकी का 'नोबेल
पुरस्कार' संयुक्त रूप
से प्रदान किया गया। सूर्य के द्रव्यमान के 1.4
गुने द्रव्यमान को 'चन्द्रशेखर सीमा'
कहते हैं।
@ हरगोविन्द खुराना (1992) - इन्होंने आनुवंशिकी में प्रोटीन संश्लेषण पर
अत्यन्त उल्लेखनीय अनुसंधान किए और 'आनुवंशिकी
कोड' की खोज की। 1968
में इन्हें अपने अमेरिकी सहकर्मियों के साथ चिकित्सा विज्ञान का नोबेल पुरस्कार
प्राप्त हुआ।
@ सतीश धवन - भारतीय अंतरक्षि
अनुसंधान संस्थान (ISRO-बंगलौर में
स्थित) के भूतपूर्व अध्यक्ष थे। इनके अथक प्रयास से आर्यभट्ट,
रोहिणी तथा एप्पल जैसे उपग्रह अंतरिक्ष में
प्रक्षेपित किये गये। इन्होंने सुपरसोनिक एवं ट्रांससोनिक बिन्ट टनल के निर्माण
में योगदान दिया।
@ विक्रम सारा भाई (1919-1971) - सुप्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक विक्रम साराभाई
परमाणु ऊर्जा आयोग एवं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष भी रहे थे।
फिजिकल रिसच लेबोरेट्री (अहमदाबाद) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की स्थापना
में इनका अहम योगदान रहा।